चूंकि आरटी-पीसीआर परीक्षण की रिपोर्ट तीन-चार दिनों में प्राप्त हो रही है, इसलिए राज्य सरकार […]
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘टीका उत्सव’ वैक्सीनेशन पर्व को कोरोना के विरुद्ध दूसरी बड़ी लड़ाई कहा है और व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ सामाजिक स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया है। यह उत्सव आज महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर शुरू हुआ है और 14 अप्रैल को बाबा साहेब अम्बेडकर की जयंती तक चलेगा। इस अवसर पर एक संदेश में प्रधानमंत्री ने इस अभियान के सम्बन्ध में चार बिन्दुओं पर बल दिया। पहला, हर एक-टीका लगवाए, अर्थात ऐसे व्यक्ति जो स्वयं को टीका लगवाने के लिए नहीं जा सकते, जैसे कि अनपढ़ एवं वृद्ध जन, उनकी सहायता करें। दूसरा, हर एक- दूसरे का उपचार करे। ऐसा उन लोगों को कोरोना का उपचार दिलवाने के लिए है जिनके पास इसकी जानकारी नहीं है और इसके लिए आवश्यक संसाधन नहीं है। तीसरा, हर एक – दूसरे को बचाए, अर्थात मै मास्क पहनूंगा और अपने अलावा औरों को बचाऊंगा। इस पर जोर दिया जाना चाहिए। और अंत में ‘सूक्ष्म संगरोध क्षेत्र’ (माइक्रो कन्टेनमेंट जोन्स) बनाने के लिए समाज और जनता को पहल करनी होगी। यदि कोरोना संक्रमण का एक भी प्रमाणित मामला सामने आता है तो परिवार के सदस्यों और समाज के लोगों को ‘माइक्रो कन्टेनमेंट जोन्स’ बनाने होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसी घनी जनसंख्या वाले देश में ‘माइक्रो कन्टेनमेंट जोन्स’ कोरोना के विरुद्ध लड़ाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री ने परीक्षण करने और जागरूकता बढाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने हर पात्र व्यक्ति से टीका लगवाने के लिए कहा।उन्होंने कहा कि ऐसा करना समाज और प्रशासन दोनों का पहला प्रयास होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि हमें वैक्सीन की शून्य बर्बादी (जीरो वैक्सीन वेस्टेज) की दिशा में बढना होगा।उन्होंने कहा कि टीकाकरण क्षमता का सर्वोत्तम उपयोग ही हमारी क्षमता बढाने का रास्ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘माइक्रो कन्टेनमेंट जोन्स’ के बारे में जागरूक होने से ही हमारी सफलता का निर्धारण होगा। इसके लिए हमे अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकलना, सभी पात्र व्यक्तियों का टीकाकरण और मास्क पहनने एवं अन्य निर्देशों का पालन करने जैसे कोविड उचित व्यवहार का हम सब कैसे पालन करते हैं, का तरीका अपनाना होगा। […]
साल 2020 में वो मार्च का ही महीना था जब भारत में कोरोना वायरस के […]
योग आत्मिक शांति का मार्ग भी है, और यह किसी एक धर्म, क्षेत्र या लोगों […]