तुम अगर नहीं आई गीत गा न पाऊँगा साँस साथ छोडेगी, सुर सजा न पाऊँगा […]
ओ कल्पव्रक्ष की सोनजुही! ओ अमलताश की अमलकली! धरती के आतप से जलते… मन पर […]
उनकी ख़ैरो–ख़बर नहीं मिलती हमको ही ख़ासकर नहीं मिलती शायरी को नज़र नहीं मिलती मुझको […]
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