यूँ मुझे कभी किसी पे इख़्तियार ना मिला। दर-ब-दर गये,कहीं मुझे ये प्यार ना मिला। […]
जब जब डूबा हूँ मैं चाँद की तरह, वो ख़ुद डूब,सूरज सा मुझे उगा देते […]
उन्हें देखकर जब इबादत करूँगी । तभी तख़्त-ए-क़ल्ब राहत करूँगी । अभी बैठ माँ-बाप के […]
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