Mar 23, 2021
425 Views
0 0

ज़रा-सी आहट होती है तो दिल सोचता है

Written by

ज़रा-सी आहट होती है तो दिल सोचता है
कहीं ये वो तो नहीं, कहीं ये वो तो नहीं
छुपके सीने में कोई जैसे सदा देता है
शाम से पहले दिया दिल का जला देता है
है उसी की ये सदा, है उसी की ये अदा
कहीं ये वो तो नहीं, कहीं ये वो तो नहीं
शक़्ल फिरती है निगाहों में वही प्यारी-सी
मेरी नस-नस में मचलने लगी चिंगारी-सी
छू गई जिस्म मेरा, किसके दामन की हवा
कहीं ये वो तो नहीं, कहीं ये वो तो नहीं

फ़िल्म : हक़ीक़त-1964
कैफ़ी आज़मी

Article Tags:
Article Categories:
Literature

Leave a Reply