आओ इस बार कुछ नया करते चले,
दीपावली त्योहार के मायने बदलते चले।
खुश रहें पर साथ साथ खुशियां भी फैलाएं,
अपने बच्चों को भी यही सिखाएं।
अपने घरको तो सब दीप जला कर उजागर है करते
आओ किसी और के मकान मे रौशनी है बिखेरते।
बच्चों को पटाखों के साथ एक सीख दे इस बार,
वे भी गरीबों मे मुस्कुराहट फैलाएं लगातार।
दीपावली ज़रूर बनेगी खुशियों का खज़ाना,
कोई रूठा न रहे, सबको है मनाना।
आपके दिलेरी की मिसाल दे सारा ज़माना,
आने वाली पीढ़ी को यही है समझना।
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शमीम मर्चन्टArticle Categories:
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