Nov 27, 2020
480 Views
0 0

“सर्द हवाएं”

Written by

वो सर्द हवाएं तुम्हारा नाम लेकर चली गई,
वो बर्फीली वादियां बिना बर्फ गिराए चली गई।

उस ठंड में बिखरे हुए सन्नाटे से मै पूछ रही थी,
की क्या तुम आज उसकी गलियों से गुजरी थी?!

उन वादियों ने वापस आकर बर्फ गिरा दी,
खिड़की से मै बर्फ देखकर मुस्कुरा दी।

वो बर्फ तो हमारे वहां कुछ रोज ही गिरती है लेकिन,
तुम्हारी सड़को पर उसने हर रोज तुम्हें गिरते देखा है।

मेरे दर पर उन सर्द हवाओं ने तुम्हारा नाम लिखा है,
इबादत में उसे पढ़े या फिर हमेशा के लिए मिटा दे।

Article Categories:
Literature

Leave a Reply