अदरक, इलायची और ज्यादा शक्कर
ऊपर से डाल कर चाहत भी लाए,
काश वो थोड़ा इश्क़ जताए,
आज वो मेरे लिए चाय बनाए….
हाथों में हाथ डाल कर बैठी रहूं मैं,
टीवी देखूं और सोती रहूं मैं,
काश वो मेरा इतवार सजाए,
आज वो मेरे लिए चाय बनाए…
इक ही कप से गुजारा हो,
कितना खूबसूरत नजारा वो हो,
दोनों के होठों पे एक ही स्वाद आए,
आज वो मेरे लिए चाय बनाए…
घूंट घूंट मैं उसके साथ जीऊंगी
चाय के साथ चाहत भी पिऊंगी,
बस वो बेपनाह मोहब्ब्त छलकाए
आज वो मेरे लिए चाय बनाए….
– नीता कंसारा