जीवन में संतुष्ट रहना बहुत जरूरी है। हम चाणक्य के विचारों से सीखेंगे कि संतुष्ट रहना क्यो जरूरी है और एक संतुष्ट व्यक्ति कैसे बनें।
चाणक्य कहते हैं कि अगर आप किसी ऐसी चीज के पीछे जाते हैं जो निश्चित है, तो काम सफल होगा, लेकिन अगर आप किसी ऐसी चीज के पीछे जाते हैं जो अनिश्चित है, तो काम नष्ट हो सकता है। लोभ रखेंगे तो दुख ही मिलेगा लेकिन उसकी बजाय जो चीज हमारे पास है उसे देख के संतुष्ट रहना चाहिए। अगर हम संतुष्ट नहीं हैं, तो जो हमारे पास है वह भी नही रहेगा।
इसलिए व्यक्ति को जीवन में संतुष्ट रहना चाहिए।
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