हर कोई इस दुनिया में सबसे श्रेष्ठ बनना चाहता है। लेकिन सबसे श्रेष्ठ व्यक्ति होने के लिए भी अच्छे गुण होने चाहिए। आज हम जानेंगे कि चाणक्य की पुस्तक “चाणक्य नीति” से हम इन गुणों को कैसे प्राप्त कर सकते हैं।
चाणक्य कहते हैं कि अच्छे गुण जरूरी नहीं कि अच्छे व्यक्ति से ही आएंगे। जैसे कीचड़ में से भी फूल मिलता है तो हम उसे प्राप्त कर लेते है, जहर में से अमृत मिलेगा तो हम उसे प्राप्त कर लेंगे, उसी तरह हमारे दुश्मन से या किसी बुरे व्यक्ति में भी अगर हमें अच्छे गुण मीले तो हमे प्रप्त कर लेने चाहिए।
इस प्रकार हम बुरे व्यक्ति से भी अच्छे गुणों को प्राप्त करके एक बेहतर व्यक्ति बन सकते हैं।
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VR Niti SejpalArticle Categories:
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