वो मिल जाए मुझे इतवार सा,
फ़ुरसत में किया जाए ऐसे इंतजार सा।
गर्म एहसासों को ले बैठेंगे दोनों,
कुल्हड़ में मिलते नर्म करार सा।
जिस चाहत से इतराए दुनिया,
मोहब्बत में ऐसे हसीं दीदार सा।
थाम लूं धड़कने मैं कुछ इस तरह,
आंखों से कर दो तुम इजहार सा।
सुनो…तुम मिल जाओ ना इतवार सा,
फ़ुरसत में कर ले कुछ प्यार सा।
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नीता कंसाराArticle Categories:
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