Mar 11, 2021
332 Views
0 0

चलते-चलते यूँ ही कोई मिल गया था

Written by

चलतेचलते यूँ ही कोई मिल गया था, सरे राह चलतेचलते
वहीं थम के रह गई है, मेरी रात ढलतेढलते

जो कही गई न मुझसे, वो ज़माना कह रहा है
के फ़साना बन गई है, मेरी बात टलतेटलते

शबे इन्तज़ार आख़िर कभी होगी मुख़्तसर भी
ये चिराग़ बुझ रहे हैं मेरे साथ चलतेचलते

फ़िल्म : पाकीजा-1972

कैफ़ी आज़मी

Article Tags:
Article Categories:
Literature

Leave a Reply