भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए जापान ने भारत सरकार को बड़ा लोन और अनुदान देने का फैसला किया है। जापान सरकार ने शुक्रवार को 233 बिलियन येन यानि करीब 2.11 बिलियन डॉलर का लोन और अनुदान भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए पास किया है, जिसमें दिल्ली मेट्रो का चौथा चरण भी शामिल है।
जापानी एंबेसी के मुताबिक, जापान की तरफ से भारत को 4.01 बिलियन येन यानि करीब 2 अरब 64 करोड़ का अनुदान दिया गया है, जिसका इस्तेमाल रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पावर सप्लाई को बेहतर करने के लिए किया जाएगा। जापानी एंबेसी के मुताबिन लोन और अनुदान की रकम डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर के एडिशनल सेक्रेटरी सीएस मोहापात्रा को जापानी एंबेसी के सतोषी सुजुकी देंगे। करीब 4 बिलियन येन का अनुदान जापान सरकार का पहला ऑफिसियल डेवपलमेंट असिस्टेंस यानि ओएडी प्रोजेक्ट अंडमान निकोबार द्वीप समूह के लिए है, जो रणनीतिक हिसाब से आने वाले वक्त में काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। हिंद प्रशांत क्षेत्र की आजादी और फ्री ट्रेड के लिए अंडमान निकोबार द्वीप समूह बेहद महत्वपूर्ण जियोपॉलिटिकल भूमिका निभाता है, लिहाजा, इस द्वीप में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करना बेहद जरूरी है।
जापान सरकार की तरफ से जारी ऑफिसियल बयान में कहा हया है कि ‘रणनीतिक तौर पर बेहद अहम अंडमान निकोबार द्वीप समूह भारत और जापान के आपसी सहयोग के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, सहयोग, फ्री ट्रेड को स्थापित करने में अंडमान निकोबार द्वीप समूह का बेहद महत्वपूर्ण योगदान है, लिहाजा इसका विकास भारत और जापान दोनों के हितों में है’। भारत और जापान, दोनों देश इंडो पैसिफिक क्षेत्र में आपसी सहयोग को लगातार बढ़ा रहे हैं। ये सहयोग द्विपक्षीय होने के साथ साथ क्वाड के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के साथ भी है। यानि, क्वाड के लिए भी अंडमान-निकोबार का बेहद महत्वपूर्ण योगदान है।
VR Niti Sejpal