Mar 19, 2024
32 Views
0 0

मणिपाल हॉस्पिटल, पटियाला ने आईएससीसीएम के साथ सेप्सिस के बारे में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया

Written by

मणिपाल हॉस्पिटल, पटियाला ने आज इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन (आईएससीसीएम) के सहयोग से सेप्सिस के बारे में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य कर्मियों और जनता को सेप्सिस के जोखिम के बारे में शिक्षित करना और समय पर इसकी पहचान व इलाज का महत्व समझाना था।

 

सेप्सिस एक जानलेवा स्थिति है, जिसमें संक्रमण के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया द्वारा अपने ही अंग और ऊतक घायल हो जाते हैं। इसके कारण आघात, विभिन्न अंग खराब होने और मृत्यु की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यहाँ यह समझना महत्वपूर्ण है कि सेप्सिस एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसकी समय पर पहचान और निदान बहुत आवश्यक है। सेप्सिस जागरूकता कार्यक्रम में इसकी रोकथाम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई और संवादपूर्ण सत्रों का आयोजन किया गया, जिससे डॉक्टरों और मरीज़ों ने सवाल पूछकर सेप्सिस को और ज्यादा गहराई से जाना।

 

सेप्सिस जागरूकता कार्यक्रम के बारे में आईएससीसीएम पटियाला शाखा के चेयरपर्सन एवं कंसल्टैंट इंटेंसिविस्ट, डॉ. सुमीत झिंगन ने कहा, “भारत में इंटेंसिव केयर यूनिट्स में आधे से ज्यादा मरीज़ों को सेप्सिस है, और पिछले दशक में इसके मामले तेजी से बढ़े हैं। इसलिए, हमारा उद्देश्य संक्रामक बीमारियों की रोकथाम, इलाज और उनसे पीड़ित लोगों का पुनर्वास करना है। इस कार्यक्रम द्वारा हमने सेप्सिस, समय पर इसकी पहचान और कारणों, तथा इसके सटीक निदान के बारे में जागरूकता बढ़ाई, जो सेप्सिस के प्रभावी प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सेप्सिस के बारे में डॉ. गुनीत सिंह, सीनियर कंसल्टैंट – क्रिटिकल केयर, मणिपाल हॉस्पिटल, पटियाला ने कहा, “सेप्सिस एक गंभीर मेडिकल समस्या है। संक्रमण को फैलने से रोकने में हाथों को स्वच्छ रखना एक सरल पर कारगर उपाय है। समय-समय पर साबुन और पानी से अच्छी तरह से हाथ धोने की आदत सेप्सिस के जोखिम को काफी कम कर सकती है।”

Article Categories:
Medical

Leave a Reply