Sep 5, 2023
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राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा 34 शिक्षकों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया: 11 प्रतिभाशाली बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया।

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शिक्षक दिवस पर आज गांधीनगर के विद्या रिव्यू सेंटर में आयोजित गरिमामय समारोह में राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रतजी एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल ने 34 शिक्षकों को ‘सर्वश्रेष्ठ शिक्षक राज्य पुरस्कार’ से सम्मानित किया। राज्य के 11 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को पुरस्कार भी प्रदान किये गये। इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री श्री प्रफुल्लभाई पानशेरिया और मुख्य सचिव श्री राजकुमार उपस्थित थे।

 

 

 

 

35 वर्षों तक गुरुकुल में विद्यार्थियों को शिक्षा देने वाले राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी आज भी स्वयं एक शिक्षक के रूप में जाना जाना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, ”आज मुझे बेहद खुशी हो रही है कि मुझे अपने परिवार के पास आने का मौका मिला.”

 

 

 

 

राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि आजीविका के लिए अनेक पेशे-व्यापार-उद्योग हैं, लेकिन सभी कर्मों में शिक्षक का कर्म अत्यंत पवित्र एवं महत्वपूर्ण है। दान जरूरी है लेकिन विद्यार्थी से बड़ा कोई दान नहीं है। एक शिक्षक-गुरुजन बच्चे की मुद्रा और दिशा बदल सकते हैं। उन्होंने शुक्ल यजुर्वेद के ‘शतपथ ब्राह्मण’ ग्रंथ का उल्लेख करते हुए कहा कि एक बच्चे के तीन गुरु होते हैं; माता-पिता और गुरु. वह बच्चा धन्य है जिसे आदर्श, धार्मिक, आत्मवान और परोपकारी माता, पिता और गुरु मिले। शिक्षक स्वयं दीपक की तरह जलकर दूसरों को रोशनी देता है। ‘गु’ का अर्थ है अंधकार और ‘रु’ का अर्थ है प्रकाश। गुरु जो अज्ञानता के अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं।

 

 

 

 

राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि गुरु-शिक्षक बच्चे को दूसरा जन्म देते हैं। वेदों में उल्लेख है कि माता-पिता अपने बच्चों को पालन-पोषण के लिए गुरुजी को सौंप देते थे। भारत के गुरु माता-पिता को आश्वस्त करते थे कि, ‘मैं माँ के गर्भ में बच्चे की देखभाल सुरक्षित और सुरक्षित रूप से करूँगा।’ शिक्षक का इससे बड़ा कोई महान विचार संसार में नहीं हो सकता। भारत के गुरुओं ने विश्व को तक्षशिला, नालन्दा, विक्रमशिला और वल्लभी जैसे विश्वविद्यालय दिये हैं। भारत सदैव विश्व गुरु रहा है।

 

 

 

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी के नेतृत्व में भारत भौतिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बन रहा है राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी के प्रयासों से भारत पुनः विश्व गुरु बनने जा रहा है आज देश के शिक्षक को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। समाज में सकारात्मक सोच-रचनात्मक सोच विकसित करना शिक्षकों का दायित्व है। शिक्षक ही बेहतर परिवार, बेहतर समाज और बेहतर राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। राष्ट्र और राज्य के प्रत्येक शिक्षक को अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाना चाहिए और ऐसे बच्चे का निर्माण करना चाहिए जो संस्कारवान हो, शरीर से स्वस्थ हो, विचारों से समृद्ध हो, माता-पिता का आदर करने वाला हो, बड़ों के प्रति समर्पित हो, राष्ट्रीय भावना से परिपूर्ण हो और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्र के लिए बलिदान देने को तैयार हो। होना।

 

 

 

 

राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने जैविक कृषि के महत्व को समझाते हुए शिक्षकों से अनुरोध किया कि वे स्कूली शिक्षा में ही छात्रों को स्वस्थ जीवन शैली के लिए जैविक कृषि और जैविक कृषि उत्पादों के महत्व को समझाएँ। उन्होंने श्रेष्ठ शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि मानवता की सार्थकता शिशु निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण एवं राष्ट्र निर्माण के इस पवित्र मिशन में ईमानदारी से कार्य करने में ही है।

 

 

 

 

:मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र भाई पटेल :

 

मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने राज्य पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों को बधाई देते हुए उन्हें स्वर्णिम भारत के कल के वास्तुकार के रूप में सम्मानित किया।

 

 

 

 

इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश आजादी का अमृत महोत्सव मनाकर अमृत काल में प्रवेश कर चुका है।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि इस अमर युग में और 21वीं सदी में, शिक्षक समुदाय को एक सक्षम पीढ़ी तैयार करने के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान देना होगा जो भारत को ज्ञान और विज्ञान की महाशक्ति बनाएगी।

 

 

 

 

मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने स्पष्ट विचार व्यक्त किया कि वेदों से लेकर वेब और उपनिषदों से लेकर उपग्रहों तक हमारी संस्कृति की विकास यात्रा में शिक्षा और शिक्षकों ने सकारात्मक भूमिका निभाई है।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल बनाती है, बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराती है, शिक्षकों की भर्ती करती है, लेकिन स्कूल का जीवन केवल शिक्षक ही पूरा कर सकता है.

 

 

 

 

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसे साकार करने और नये भारत के निर्माण के लिए नई शिक्षा नीति लागू की है।

 

 

 

 

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इस नई शिक्षा नीति के उज्ज्वल भविष्य के संकल्प शिक्षा के हथियार, शिक्षकों के योगदान और छात्रों के ज्ञान और ऊर्जा से पूरे होंगे।

 

 

 

 

श्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा, इस शिक्षा नीति का उद्देश्य अगली पीढ़ी को शिक्षा और श्रम कौशल से सुसज्जित करना, शारीरिक मानसिक बुद्धिमत्ता से सुसज्जित करना और दुनिया के युवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाना है।

 

 

 

 

मुख्यमंत्री ने अपेक्षा व्यक्त की कि शिक्षक समुदाय की वाणी, व्यवहार, आचरण और छात्रों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण से ऐसी सक्षम पीढ़ी का निर्माण होगा।

 

 

 

 

उन्होंने स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लर्निंग और ज्ञान कुंज परियोजना के तहत 16 हजार कक्षाएं शुरू करके नई शिक्षा नीति के अनुसार समय पर शिक्षा प्रदान करने के लिए गुजरात द्वारा किए गए सफल उपायों पर प्रकाश डाला।

 

 

 

 

मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी के निर्देशन में बालिका शिक्षा, योग्यता उत्सव, विद्यार्थियों की प्राथमिक विद्यालयी शिक्षा का मूल्यांकन जैसे शिक्षा सुधार आंदोलन को उपलब्धि हासिल हुई है।

 

 

 

 

मुख्यमंत्री ने पूरे शिक्षक समुदाय से 2047 में देश की आजादी की शताब्दी के अवसर पर भारत माता को विश्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए छात्रों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनने का प्रेरक आह्वान किया।

 

 

 

 

शिक्षा मंत्री डाॅ. कुबेर भाई डिंडोर ने सरस्वती भक्त प्रदेश के श्रेष्ठ शिक्षकों का स्वागत किया और कहा कि शिक्षक समाज की सर्वोत्तम पूंजी हैं। जिनकी याद में आज पूरा देश शिक्षक दिवस मना रहा है, वो डॉ. भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक शिक्षक थे। एक शिक्षक के पास सीखने को उजागर करने की शक्ति होती है। हमारे देश में शिक्षकों और सीमा पर देश की रक्षा करने वाले सैनिकों को विशेष सम्मान दिया जाता है।

 

 

 

 

उन्होंने कहा, शिक्षक बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्य भी सिखाकर अच्छे नागरिक बनाते हैं। जबकि समाज और राष्ट्र निर्माण में शिक्षक और शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है, राज्य के 34 शिक्षकों को राज्य का सर्वश्रेष्ठ शिक्षक और 11 छात्रों को राज्य सरकार से सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार मिला है।

 

 

 

 

शिक्षा विभाग के सचिव डाॅ. विनोद राव ने शिक्षक दिवस के अवसर पर गुजरात के सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं।

 

 

 

 

शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डाॅ. सर्वपल्ली ने राधाकृष्ण के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

 

 

 

फिल्म ‘शिक्षा विभाग विकास गाथा’ का निर्देशन किया था.

 

‘सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार’ वितरण समारोह में प्राथमिक शिक्षा निदेशक डाॅ. इस कदर। आँख। जोशी, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, शिक्षा विद्वानों, पुरस्कार विजेता शिक्षकों और छात्रों ने अपने परिवारों के साथ भाग लिया।

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Education · Government

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