Apr 6, 2022
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1.5 मिलियन भारतीयों को समावेशी और सस्टेनेबल सामुदायिक विकास देने के लिए सैप इंडिया और अमूल साथ आये

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सैप और अमूल ने आज एक संयुक्त सामुदायिक आउटरीच की घोषणा की, जिसका उद्देश्य ज्ञान हस्तांतरण और प्रौद्योगिकी क्षमता को बढाकर बच्चों, किशोरों, युवाओं, महिलाओं और किसानों सहित 1.5 मिलियन भारतीयों के जीवन को बदलना है। इस पहल को सामाजिक उद्यमिता, कुशल कार्यबल को सक्षम बनाने, डिजिटल समावेशन और लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

आरएस सोढी, मैनेजिंग डायरेक्टर, गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (अमूल) ने इस सहयोग के बारे में बतया, ‘‘भारत की 66 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले अधिकांश लोग आजीविका के लिए कृषि, पशुपालन और डेयरी पर निर्भर हैं। पिछले सालों में हमने देखा है कि विभिन्न सरकारों ने उन्हें शिक्षा, परिवहन, वित्तीय सेवाओं और इंटरनेट कनेक्टिविटी की बेहतर उपलब्धता प्रदान करने के लिए अथक प्रयास किए हैं। समावेशी और सतत सामुदायिक विकास के उद्देश्य से अमूल और सैप इस प्रोजेक्ट में शामिल हुए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत स्कूल जाने वाले बच्चों और टीचर्स को गुणवत्तायुक्त डिजिटल साक्षरता और स्किल इंटरवेंशन ट्रेनिंग प्रदान की गई।

कुलमीत बावा, प्रेजिडेंट एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, सैप, इंडियन सब-कांटिनेंट ने कहा, “प्रौद्योगिकी एक समावेशी और सस्टेनेबल अर्थव्यवस्था के लिए भारत की यात्रा को आकार देने में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकती है। स्मार्ट सिटी और भविष्य के मोबिलिटी जैसी शहरी विकास परियोजनाएं इस क्षमता को प्रतिबिंबित करती हैं, भारत की सच्ची प्रगति उसके गांवों के विकास में निहित है। अमूल के साथ हमारा काम इस विजन का विस्तार है और यह नागरिकों को वह जानकारी और उपकरण प्रदान करेगा जिसकी उन्हें सफल होने के लिए आवश्यकता है। इस समय भारत लगातार सस्टेनेबिलिटी हासिल करने के लिए पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है, हमारे जैसा सहयोग भी एक समावेशी और लचीले भविष्य के लिए महत्वपूर्ण आधार प्रदान करेगा जिसमें कोई भी पीछे नहीं रहेगा।”

 

सोढी ने आगे कहा, ‘‘सैप के साथ हमारा सहयोग इन ग्रामीण समुदायों को आवश्यक भविष्य के कौशल को सुधारने और उनके सपनों को हकीकत में बदलने के लिए सशक्त बनाकर मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक कदम आगे है। हमारी आशा है कि यह राष्ट्र निर्माण और एक आत्मनिर्भर भारत बनाने की ओर एक लंबा सफर तय करेगा।’’

 

पिछले दो दशकों में, दोनों कंपनियों ने सैप के डिजिटल कोर ईआरपी और आपूर्ति श्रृंखला सलूशन का उपयोग करके व्यावसायिक प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने और अमूल के लिए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को आगे बढ़ने के लिए मिलकर काम किया है। इसलिए, सामुदायिक आउटरीच, कंपनियों की दीर्घकालिक साझेदारी को दर्शाता है जोकि इनोवेशन, स्केलेबल और एक सुंदर दुनिया के निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता का एक स्वाभाविक विस्तार है।

 

जमीनी स्तर पर साक्षरता और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए, सैप और अमूल ने सहयोगात्मक रूप से एक डिजिटल समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है जो कोडिंग, अंग्रेजी कौशल और सामाजिक-आर्थिक अवसरों के क्षेत्रों में तकनीकी शिक्षा और प्रोफेशनल सहायता प्रदान करेगा।

पहल के प्रमुख स्तंभों में शामिल हैं:

कोडिंग और 21वीं सदी के कौशल: भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए, हमें डिजिटल रूप से जानकार समुदायों को विकसित करने की आवश्यकता है। यह दूरस्थ गांवों में नागरिकों के लिए डिजिटल साक्षरता, कोडिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग और अंग्रेजी कौशल प्रदान करके किया जाएगा, इस प्रकार यह नई शिक्षा नीति को अपनाने में सक्षम होगा।

स्कूल टू वर्कफोर्स ट्रांजिशन: वंचित क्षेत्रों में छात्रों की मदद करने के लिए एक एसटीईएम-केंद्रित लर्निंग के माहौल का निर्माण किया जायेगा ताकि स्कूल से निकलने के बाद युवाओं को कार्यबल में आसानी से लाया जा सके और नौकरी के अवसरों को बढ़ाया जा सके। यह स्कूल छोड़ने वालों को भी कम करेगा, लर्निंग में सुधार करेगा, और महत्वपूर्ण तर्क और विश्लेषणात्मक सोच को प्रोत्साहित करके रोजगार योग्य प्रतिभा पूल तैयार करेगा।

महिला सशक्तिकरण और उद्यमिता: बढ़ती डिजिटल दुनिया की बदौलत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक उद्यमशीलता के अवसर मिल रहे हैं। सामाजिक व्यापार क्षेत्र के लिए समर्थन को मजबूत करने और लैंगिक समानता प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ 20,000 से अधिक युवा महिलाओं को “रोजगार योग्य 21वीं सदी के कौशल” के हिस्से के रूप में डिजिटल-वित्तपोषण कौशल और फंक्शनल कम्युनिकेशन में पढ़ाया जाएगा।

किसान आजीविका का समर्थन: यह आउटरीच, सतत विकास के निर्माण, संचालन, ट्रांसफर मॉडल के तहत सामुदायिक स्वामित्व और भागीदारी को बढ़ाने में मदद करेगा। फलदार पौधे लगाकर, कंपनियां जैव विविधता में सुधार करने, मिट्टी के कटाव को कम करने और हरित आवरण को बढ़ाने में मदद करेंगी, और इस प्रकार किसानों एवं उनके परिवारों की आजीविका को समर्थन देगी।

प्रथम इन्फोटेक फाउंडेशन, एक एनजीओ संगठन है जो भारत में डिजिटल साक्षरता के लिए काम करता है, अमूल और सैप इंडिया के सहयोगी आउटरीच का नेतृत्व करेगा।

 

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