गुजरात में, प्लॉटिंग योजना के बारे में बिल्डर्स लंबे समय से भ्रमित हैं और क्या जमीन की बिक्री पर जीएसटी लगाया जाएगा। जीएसटी के डर से बिल्डर जमीन खरीदने वाले से 12 फीसदी और 5 फीसदी जीएसटी लेकर सरकार में जमा कर देते थे। केंद्र सरकार ने सर्कुलर जारी कर कहा था कि जब कोई बिल्डर अपनी स्कीम बेचता है तो जमीन की कीमत 33 फीसदी और बाकी रकम यानी 66 फीसदी पर जीएसटी लगता है. याचिकाकर्ताओं में से एक ने गुजरात उच्च न्यायालय में जीएसटी परिपत्र को चुनौती दी थी
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यहां यह ध्यान दिया जा सकता है कि याचिकाकर्ता को गुजरात उच्च न्यायालय में इस मुद्दे पर चुनौती दी गई थी कि सरकार द्वारा जमीन की कीमत 33% कैसे तय की गई थी। इस बारे में हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकार द्वारा 33 फीसदी जमीन के मूल्य को देखते हुए जीएसटी में छूट अनुचित है. करदाता के पास जमीन की कीमत का विकल्प होता है यानी किसी भी जमीन को कुल राशि का 33 फीसदी नहीं माना जा सकता है। जहां जमीन की कीमत अलग से दिखाई जाती है, वहां सिर्फ कंस्ट्रक्शन कॉस्ट पर ही जीएसटी लगाया जा सकता है।
गुजरात हाई कोर्ट के इस अहम फैसले से गुजरात की जनता को अब जमीन पर नहीं बल्कि सिर्फ कंस्ट्रक्शन पर जीएसटी देना होगा. इस फैसले के बाद गुजरात में घर खरीदना सस्ता हो जाएगा और आम परिवार अपना घर ले सकेगा।