मेरी दुनिया में तुम आईं, क्या-क्या अपने साथ लिए तन की चाँदी मन का सोना, […]
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं, कुछ दिल ने सुना, कुछ भी नहीं ऐसी […]
जीत ही लेंगे बाज़ी हम-तुम, खेल अधूरा छूटे ना प्यार का बन्धन, जन्म का बन्धन, […]
चलते–चलते यूँ ही कोई मिल गया था, सरे राह चलते–चलते वहीं थम के रह गई […]
धड़कते दिल की तमन्ना हो, मेरा प्यार हो तुम मुझे क़रार नहीं, जब से बेक़रार […]
आपसे प्यार हुआ जाता है खेल दुश्वार हुआ जाता है दिल जो हर क़ैद से […]
ये किस तरह याद आ रही हो ये ख़्वाब कैसा दिखा रही हो कि जैसे […]
ये बुझी सी शाम ये सहमी हुई परछाइयाँ ख़ून-ए-दिल भी इस फ़ज़ा में रंग भर […]
राम बन-बास से जब लौट के घर में आए याद जंगल बहुत आया जो नगर […]
दोस्त ! मैं देख चुका ताजमहल …वापस चल मरमरीं-मरमरीं फूलों से उबलता हीरा चाँद की […]