Apr 7, 2024
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उपराष्ट्रपति ने कहा, नैतिक नेतृत्व पर समझौता नहीं किया जा सकता

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भारत के उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने नेतृत्व में मूल मूल्यों के महत्व को रेखांकित किया, और युवाओं को प्रलोभनों और अनैतिक शॉर्टकटों के आगे झुकने के प्रति आगाह किया। “नैतिक नेतृत्व पर समझौता नहीं किया जा सकता; नैतिकता से समझौता करने से आप उस तरह का विजेता नहीं बन सकते, जिसे दुनिया सलाम करेगी,” उन्होंने कहा।

 

 

 

 

 

 

 

भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) बोधगया के छठे दीक्षांत समारोह में छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने ‘भारत के भविष्य के पथप्रदर्शक’ के रूप में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे जोर देकर कहा, “मैं आपसे एक ऐसे समाज के अग्रदूत और राजदूत बनने का आग्रह करता हूं जहां कानून के शासन का ईमानदारी और सावधानीपूर्वक पालन होता है।”

 

 

 

 

 

 

 

देश की समृद्धि और संप्रभुता के लिए आर्थिक राष्ट्रवाद के महत्व को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने नागरिकों से ‘स्वदेशी’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ को राष्ट्रीय आदत बनाने की अपील की। ऐसा करने से “हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में महत्वपूर्ण सकारात्मक योगदान होगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उद्यमिता का पोषण होगा,” श्री धनखड़ ने विस्तार से बताया।

 

 

 

 

 

 

 

वैश्विक विपरीत परिस्थितियों के बीच भारत की बढ़ती आर्थिक गति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि “हमारी बढ़ती वैश्विक छवि से राष्ट्रीय मनोदशा उत्साहित है।” एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र और नए परिदृश्यों की उपस्थिति पर जोर देते हुए, उन्होंने छात्रों को “भारत की विकास गाथा में नए अध्याय लिखने के लिए प्रतिभा और कौशल का उपयोग करने” के लिए प्रोत्साहित किया।

 

 

 

 

 

 

 

क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, 6जी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी के रूप में भारत की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए, उपराष्ट्रपति ने युवा दिमागों के लिए मौजूद “सोने की खान के अवसरों” को रेखांकित किया। श्री धनखड़ ने उनसे अपरंपरागत होने और लीक से हटकर सोचने का आग्रह करते हुए कहा, “आश्वस्त रहें कि आप कभी भी विचारों के भूखे नहीं रहेंगे क्योंकि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र अनंत अवसर प्रदान करता है।”

 

 

 

 

 

 

बिहार के राज्यपाल श्री राजेंद्र आर्लेकर; श्री उदय कोटक, अध्यक्ष, आईआईएम बोधगया; श्री अमिताभ कांत, भारत के जी20 शेरपा और पूर्व सीईओ, नीति आयोग; इस अवसर पर आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ. विनीता एस सहाय और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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