- पेबैक-यूनोमर कंज्यूमर मोबिलिटी सर्वे फ्यूल लॉयलिस्ट पर संचालित किया गया, जिसमें पता चला है कि 30% से अधिक लोग इस त्योहारी सीजन में वाहन खरीदने पर विचार कर रहे हैं
- ब्रांड प्राथमिकता की बात करें तो भारतीय ऑटो ब्रांड्स को लोग ज्यादा वरीयता दे रहे हैं, भारत में 60% से अधिक उत्तरदाताओं ने इस तरह के ब्रांड को वरीयता दी है
- एक तिहाई लोगों ने संकेत दिया कि एसयूवी/कॉम्पैक्ट एसयूवी उनकी पसंदीदा है, जबकि हैचबैक और सेडान की लोकप्रियता कम हो रही है
- ईवीएस की लोकप्रियता में वृद्धि के साथ सस्टेनेबल थीम में बढ़ती रुचि दिखाई दे रही है, हालांकि संख्या अभी भी कम है
फ्यूल लॉयलिस्ट (पिछले 2 वर्षों से यात्री वाहनों के लिए नियमित रूप से ईंधन खर्च करने वाले उपभोक्ता) पर किए गए एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि महामारी ने पर्सनल मोबिलिटी और खुद का वाहन खरीदने की दिशा में सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा दिया है। यह बात एक कंज्यूमर मोबिलिटी स्टडी में सामने आई है, जिसे भारत के सबसे बड़े मल्टी-ब्रांड लॉयल्टी प्रोग्राम, पेबैक और इसके डिजिटल रिसर्च पार्टनर यूनोमर द्वारा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
इस अध्ययन में करीब 1000 प्रतिसादियों की भावनाओं और दृष्टिकोण के बारे में पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या वे इस त्योहारी सीजन में ऑटोमोबाइल खरीदने पर विचार कर रहे हैं, अगर ऐसा है तो उनकी प्राथमिकताएं क्या हैं। सर्वे में शामिल उत्तरदाताओं को पिछले 2 वर्षों में सभी महानगरों और टियर 1 शहरों सहित 12 शहरों में 25 से 50 वर्ष की आयु में, अलग-अलग आय सीमा के साथ अपने ईंधन खरीद व्यवहार के आधार पर चुना गया था। वाहन खरीद पर विचार करने पर उनकी प्रतिक्रियाएं, उनके वर्तमान वाहन को अपग्रेड करने या परिवार के किसी सदस्य के लिए एक अतिरिक्त वाहन को लेकर उनके प्रतिक्रियाएं ली गईं।
अध्ययन से पता चलता है कि दक्षिण और उत्तर भारत के लगभग 30% उत्तरदाता इस त्योहारी सीजन में एक नया/सेकंड हैंड वाहन खरीदने पर विचार कर रहे हैं। इस क्षेत्र में पश्चिमी भारत के दो-तिहाई उत्तरदाताओं के पास इस साल वाहन खरीदने की कोई योजना नहीं है।
वाहन खरीदने के लिए सकारात्मक नजरिया मुख्य रूप से 2 प्रमुख कारणों से आ रहा है – पहला पर्सनल मोबिलिटी (काम या व्यक्तिगत उपयोग के लिए सुरक्षा या परिवार के किसी सदस्य के लिए अतिरिक्त वाहन की जरूरत के कारण) और दूसरा अच्छी डील (छूट/कम लागत)। वरीयता दोनों के बीच समान है। महिला फ्यूल लॉयलिस्ट के बीच पर्सनल मोबिलिटी यानी व्यक्तिगत गतिशीलता सबसे महत्वपूर्ण मानदंडों के रूप में सामने आती है, खासकर दक्षिण भारत से, जबकि पूर्वी भारत में – डील और छूट सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह भी समझा जाता है कि सार्वजनिक परिवहन की उपलब्धता कम रही है, इसके अलावा इस तथ्य को भी नकारा नहीं जा सकता कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना आसान नहीं होगा।
वाहन श्रेणियों के बीच एसयूवी/कॉम्पैक्ट एसयूवी चार-पहिया सेगमेंट में सबसे लोकप्रिय विकल्प होता है, जिसमें एक-तिहाई उपभोक्ता इसको चुनते हैं। इसके बाद सेडान (21%) और हैचबैक (18%) का नंबर आता है। टूव्हीलर सेगमेंट में स्कूटर या स्कूटी की तुलना में मोटरसाइकिल 25% वरीयता के साथ पसंदीदा विकल्प रहा।
इसके अलावा कोविड के बाद स्थायी विकल्पों के बारे में लोगों की प्राथमिकता बढ़ रही है। साथ ही हरित ईंधन को भी लोग अपनाने लगे हैं। सर्वेक्षण में पता चला कि लोग सीएनजी (4%) के बजाय ईवी/ इलेक्ट्रिक वाहनों को 10% से अधिक वरीयता दे रहे हैं। यह भविष्य में पेट्रोल का विकल्प बनेगा। महिला वाहन स्वामित्व बढ़ने के साथ सड़कों पर टू-व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ रही है। पूर्वी भारत में करीब 20 प्रतिशत लोगों ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनी टॉप पसंद बताया।
ब्रांड वरीयता में भारतीय ऑटो ब्रांड्स का दबदबा है। सर्वे में 60% से अधिक उत्तरदाताओं ने भारतीय ब्रांड्स को चुना। भारतीय वाहन निर्माताओं के अलावा अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों में जापानी (38%) और दक्षिण कोरियाई (28%) वाहन निर्माता लोकप्रिय विकल्प हैं। वहीं यूरोपीय (6%) और चीनी वाहन निर्माताओं (4%) को ज्यादा खरीदार नहीं मिले।
इस कंज्यूमर मोबिलिटी सर्वे पर अपना दृष्टिकोण रखते हुए पेबैक इंडिया के सीएमओ श्री रमाकांत खंडेलवाल कहते हैं, “हमारे हालिया उपभोक्ता अध्ययन श्रेणियों में लॉयल कस्टमर्स की भावनाओं को जानने के लिए तैयार हैं, इससे ब्रांड अपनी मार्केटिंग रणनीतियों को निखारने में मदद मिलेगी। हमारा एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म अपने उपयोगकर्ताओं के साथ प्रचार, जुड़ाव या अनुसंधान और अंतर्दृष्टि के लिए बातचीत करने में ब्रांडों की मदद करता है। यह हमारा दूसरा अध्ययन है जिसमें हमने अभी तक एक अन्य प्रमुख उपभोक्ता श्रेणी को कवर किया है – ट्रैवल पर पिछले अध्ययन के बाद ऑटोमोबाइल, दोनों एक प्रकार का पुनरुत्थान देख रहे हैं। ऑन-ग्राउंड रुझानों द्वारा आउटपुट को और अधिक मान्य किया जा सकता है। हम आने वाले दिनों में इस तरह की जानकारियां साझा करते रहेंगे।”
सर्वे पर अपने विचार साझा करते हुए यूनोमर के सीईओ श्री विनय बापना ने कहा, “पेबैक के लॉयल कस्टमर्स और यूनोमर की तकनीकी और अनुसंधान विशेषज्ञता का संयोजन कर प्रासंगिक ग्राहकों तक पहुंचने और उनसे जुड़ने की क्षमता एक शक्तिशाली सामर्थ्य है जिसका ब्रांड डेटा आधारित निर्णय लेने के लिए लाभ उठा सकते हैं। वर्तमान सर्वेक्षण ऑटोमोबाइल सेगमेंट में कुछ प्रमुख उभरते ट्रेंड्स को दर्शाता है जैसे स्थानीय विनिर्माण के लिए प्राथमिकता, एसयूवी स्वामित्व की जीवन शैली की आकांक्षा और इलेक्ट्रिक वाहनों की पर्यावरणीय सजगता संचालित विकल्प। ये कार निर्माताओं के लिए मार्केटिंग और उत्पाद रणनीतियों पर सीधा प्रभाव डाल सकते हैं।”
पेबैक के सदस्य कई खर्च श्रेणियों में लॉयल हैं और प्लेटफॉर्म सही ग्राहक जुड़ाव व उन्हें बनाए रखने की रणनीतियां तय करने के लिए शीर्ष ब्रांडों के साथ सहयोग कर रहा है। यात्रा, किराने का सामान, ईंधन, मनोरंजन, परिधान, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी प्रमुख श्रेणियों में खरीदारी व्यवहार की संपूर्ण समझ के साथ पेबैक इंडिया इन जानकारियों का लाभ उठाने और सही रणनीतियों को तैयार करने के लिए ब्रांडों के लिए अवसर पैदा कर रहा है।